गया । आचार्यकुल राष्ट्रीय सम्मेलन के तत्वावधान में आयोजित आचार्यकुल महाकुंभ का उद्घाटन करते हुए मेघालय के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कहा कि मानवीय मूल्यों की पहचान आचार्यकुल में मिलता है । गांधी और विनोवा जी की मानवीय जीवन का बहुमूल्य सिद्धांत और शिक्षा वर्तमान में आवश्यक है ।अपनी संस्कृति की वास्तविक पहचान आचार्य के विचारों में समाहित है ।
समारोह में आचार्य कुल के राष्ट्रीय संयोजक आचार्य धर्मेंद्र ने आचार्यकुल उद्देश्यों पर प्रकाश डाला । नेशनल जॉर्नलिस्ट एशोसिएशन के राष्ट्रीय महाससचिव कुमुद रंजन सिह ने पत्रकारिता पर समाज को एक जुटाता पर व्यख्यान दी । साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने मगध क्षेत्र की विरासत एवं स्वंर्णिम कला केंद्र की अध्यक्षा लेखिका उषाकिरण श्रीवास्तव द्वारा पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद को समर्पित की । इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की शिला शर्मा , गीता सिंह , झारखण्ड की सुप्रिया सिंह , उत्तराखण्ड की गीता कौर , नालंदा की सरिता सिंह , रोहित कुमार , नवादा का अजित कुमार , पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ . जंगबहादुर पांडेय , महाराष्ट्र , मध्यप्रदेश , गुजरात आदि राज्यो के प्रतिनिधि शामिल हुए ।