गया । आचार्य विनोबा भावे द्वारा गठित आचार्य कुल के द्विदिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 23 और 24 नवम्बर को बोधि ट्री स्कूल बोधगया में प्रारम्भ होगा । विनोबा भावे की मानस पुत्री परवीना देसाई के सानिध्य में आचार्य धर्मेंद्र जी के संयोजन में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर के गांधीवादी,विनोबा विचारक,साहित्यकार,पत्रकार एवं कवि राष्ट्रीय सम्मेलन में शमिल् होंगें । नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव सह आचार्य कुल का पत्रकार कोषांग प्रभारी कुमुद रंजन सिंह के अनुसार बोध गया का द्विदिवसीय आचार्य कुल राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कार्यक्रम में विचार मंथन , पत्रकारों का संरक्षण , संबर्धन , नेशनल जॉर्नलिस्ट एसोशिएशन से जुड़े सदस्यों , कवि,साहित्यकारों द्वारा काव्य पाठ , सामाजिक , सांस्कृतिक एवं आचार्य विनोवा भावे का भूदान एवं विचारों का विचारविमर्श , राष्ट्रीय एकता और अखंडता विशेष परिचर्या होगी । आचार्य कुल सम्मेलन में बिहार , महाराष्ट्र , छत्तीसगढ़ , उत्तरप्रदेश उतराखण्ड , झारखण्ड मध्यप्रदेश ,गुजरात असम आदि राज्यों के साहित्यकार , कवि , पत्रकार , विनोवा जी एवं गांधीवादी शामिल होंगे । आचार्य कुल के विनोवा जी की मानस पुत्री परवीना देसाई एवज़म आचार्य धर्मेंद्र आचार्य कुल सम्मेलन में शामिल होंगे । द्विदिवसीय आचार्य कुल राष्ट्रीय सम्मेलन: बोधगया में विनोबा भावे की विरासत को सलाम
बोधगया, 22 नवंबर: आचार्य विनोबा भावे द्वारा स्थापित आचार्य कुल का द्विदिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 23 और 24 नवंबर को बोधि ट्री स्कूल, बोधगया में आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से गांधीवादी, विनोबा विचारक, साहित्यकार, पत्रकार और कवि शामिल हो रहे हैं। विनोबा भावे की मानस पुत्री परवीना देसाई के सानिध्य में आयोजित इस सम्मेलन में आचार्य धर्मेंद्र जी मुख्य संयोजक की भूमिका निभा रहे हैं।
सम्मेलन में देश के विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा। पत्रकारों का संरक्षण और संवर्धन: नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव कुमुद रंजन सिंह के अनुसार, पत्रकारों के संरक्षण और संवर्धन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। साहित्य और कला: कवि और साहित्यकार अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के सामने अपने विचार रखेंगे। विनोबा भावे और गांधीवादी विचार: सम्मेलन में आचार्य विनोबा भावे के भूदान आंदोलन और उनके विचारों पर विस्तृत चर्चा होगी। राष्ट्रीय एकता: राष्ट्रीय एकता और अखंडता को मजबूत करने के उपायों पर भी चर्चा होगी। सम्मेलन में बिहार, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात और असम जैसे राज्यों के साहित्यकार, कवि, पत्रकार, विनोबा जी और गांधीवादी विचारक हिस्सा ले रहे हैं। यह सम्मेलन आचार्य विनोबा भावे की विरासत को आगे बढ़ाने और उनके विचारों को समाज में प्रासंगिक बनाने का प्रयास है। साथ ही, यह सम्मेलन देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को एक मंच पर लाकर आपसी विचार-विमर्श और सहयोग को बढ़ावा देगा।
बोधगया में आयोजित यह द्विदिवसीय आचार्य कुल राष्ट्रीय सम्मेलन एक महत्वपूर्ण आयोजन है जो समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को एक साथ ला रहा है। यह सम्मेलन आचार्य विनोबा भावे के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।