थावे विद्यापीठ,गोपालगंज का राष्ट्रीय वार्षिक महाधिवेशन सह दीक्षांत समारोह




अयोध्या! थावे विद्यापीठ,गोपालगंज का राष्ट्रीय वार्षिक महाधिवेशन सह दीक्षांत समारोह का आयोजन श्रीराम लला की जन्मभूमि अयोध्या में 19-20 अक्टूबर,2024 को श्री उदासीन संगत ऋषि आश्रम रानोपाली,अयोध्या में संपन्न हुआ। 19 अक्टूबर,24 को 11 बजे समारोह का उद्घाटन करते हुए हिंदू हृदय सम्राट,हनुमान गढ़ी (अयोध्या) के महन्त परम पूज्य स्वामी महन्त राजू दास ने कहा कि यह हमारा परम सौभाग्य है कि हिंदी भाषा और साहित्य के लिए समर्पित थावे विद्यापीठ, गोपालगंज बिहार का पंचम वार्षिक महाधिवेशन सह दीक्षांत समारोह श्री राम लला की पावन एवं पुनीत जन्मभूमि अयोध्या के उदासीन संगत ऋषि आश्रम रानोपाली में संपन्न हो रहा है और इसके उद्घाटन का दायित्व मुझे मिला है। मैं इस अवसर को प्राप्त कर परम प्रसन्न हूं।थावे विद्यापीठ, गोपालगंज, बिहार अपने स्थापना काल से ही क्षेत्रीय भाषाओं यथा-भोजपुरी,मगही, मैथिली,अंगिका,नागपुरी,ब्रज और अवधी के साथ-साथ राष्ट्र भाषा हिंदी के विकास एवं संवर्धन के लिए कृत संकल्पित है। विद्यापीठ ने मुझे उद्घाटन का गौरव दिया - यह मेरे लिए परम हर्ष का संदर्भ है और एतदर्थ मैं थावे विद्यापीठ गोपालगंज (बिहार ) के भास्वर भविष्य की मंगल कामना करता हूं। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय,आरा के पूर्व कुलपति डॉ. सुरेश प्रसाद सिंह ने कहा है कि थावे विद्यापीठ,गोपालगंज, बिहार का उद्देश्य वाक्य ही - सा विद्या या विमुक्तये!अर्थात् विद्या वही है जो हमें बंधनों से मुक्त करती है।(Knowledge is that who liberates from all kind of bandages.विद्या का उद्देश्य आचार,विचार,संस्कार और चरित्र का निर्माण है और यह कार्य विद्यापीठ अपनी पूरी कुशलता और ताकत से कर रहा है। मैं थावे विद्यापीठ,गोपालगंज,बिहार की साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को विगत 10 वर्षों से जानता हूं, क्योंकि मैं मूलतः गोपालगंज का रहने वाला हूं।मैं इसके मंगलमय भविष्य की हार्दिक मनोकामना करता हूं।



 थावे विद्यापीठ,गोपालगंज,बिहार के माननीय प्रतिकुलपति डॉ. जंग बहादुर पाण्डेय ने कहा कि थावे विद्यापीठ,गोपालगंज,बिहार की स्थापना ही 20फरवरी,2016 को राष्ट्र भाषा हिंदी के प्रचार एवं प्रसार के लिए हुई और विद्यापीठ बाखूबी यह काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि थावे विद्यापीठ, गोपालगंज, बिहार का प्रथम महाधिवेशन सह दीक्षांत समारोह 1-2 दिसंबर 2018 को दिल्ली में, द्वितीय महाधिवेशन सह दीक्षांत समारोह 20-21 नवंबर को चित्रकूट में, तृतीय महाधिवेशन सह दीक्षांत समारोह 15-16 अक्टूबर 2022 को उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी में, चतुर्थ वार्षिक महाधिवेशन सह दीक्षांत समारोह 7-8 अक्टूबर 2023 में डा अशोक कुमार सिंह के जीवन दीप महाविद्यालय, वाराणसी में और अब पंचम वार्षिक महाधिवेशन सह दीक्षांत समारोह 19-20 अक्टूबर, 2024 को श्रीराम लला की पावन पुनीत जन्मभूमि अयोध्या के उदासीन संगत ऋषि आश्रम रानो पाली में संपन्न हो रहा है।जिस शाश्वत अनुष्ठान का उद्घाटन हनुमान गढ़ी के महन्त स्वामी राजू दास, अध्यक्षता थावे विद्यापीठ,गोपालगंज, बिहार के कुलपति डॉ. विनय कुमार पाठक, मुख्य अतिथि के रूप में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय भोजपुर आरा के पूर्व कुलपति डॉ. सुरेश प्रसाद सिंह, विशिष्ट अतिथि गण के रूप में अलीगढ़ के हिन्दू कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. दिनेश कुमार शर्मा जी, रायपुर के विद्वान हिंदी प्राध्यापक डॉ. सुधीर शर्मा जी, मंगलाचरण कर्ता डॉ. महंत देवनायक दास, स्वागत कर्ता थावे विद्यापीठ,गोपालगंज, बिहार के विनयशील कुलसचिव डॉ. पी. एस. दयाल यति विराजमान हों-उस समारोह की सफलता असंदिग्ध है। उद्घाटन सत्र को जिन विद्वानों ने अपने उद्गारों से वैभव पूर्ण किया उनमें थावे विद्यापीठ,गोपालगंज,बिहार के उप कुलसचिव डॉ. गिरधारी लाल अग्रवाल, अलीगढ़ के डॉ. दिनेश कुमार शर्मा, रायपुर के डॉ. सुधीर शर्मा, नालंदा के डॉ. विपीन कुमार प्रमुख रहे।इस अवसर पर डॉ. रामबदन बरुआ के शोध-ग्रंथ रामचरितमानस में पर्यावरण, डॉ. देवेन्द्र देव मिर्जापुरी के महाकाव्य महा तपसी अहिल्या, डॉ. मीना कुमारी परिहार 'मान्या' की दो पुस्तकों मान्या पुष्पांजलि (काव्य संकलन) एवं मेरी कलम मेरे जज़्बात (निबंध संग्रह) और श्रीमती सुधा सहाय की दो पुस्तकों-तुम्हारे लिए (कविता संकलन) एवं पल दो पल (कहानी संकलन) का मंचस्थ समादरणीय अतिथियों द्वारा करतल ध्वनि के साथ लोकार्पण हुआ।आगत अतिथियों का भव्य स्वागत कुलसचिव डॉ. पी. एस. दयाल यति ने, मंगलाचरण डॉ. महन्त देवनायक दास ने, कुलगीत अभय प्रकाश सिंह ने, स्वागत गीत डॉ. कृष्णाजी शर्मा 'शालीमार' ने,श्रीराम धुन पर भावपूर्ण नृत्य मुम्बई की फिल्मी दुनिया की नृत्यांगना श्रीमती अंकु  सिंह, कुशल संचालन कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अरविन्द आनंद ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मीना कुमारी परिहार 'मान्या' ने किया। राष्ट्र गान से पूर्णाहुति हुई।


द्वितीय तकनीकी सत्र में राष्ट्र भाषा हिंदी का अतीत, वर्तमान और भविष्य पर विमर्श हुआ, जिसमें डॉ. दिनेश कुमार शर्मा, डॉ. देवेन्द्र देव मिर्जापुरी, डॉ. अर्चना वार्ष्णेय, डॉ. सुरेश महेश्वरी, डॉ. महेशचन्द्र अग्रवाल, डॉ. विपीन कुमार प्रभृति अनेक विद्वानों ने अपने उद्गार व्यक्त किये। द्वितीय तकनीकी सत्र नई शिक्षा नीति में मातृभाषा का महत्व पर परिचर्चा हुई, जिसमें दिल्ली की डॉ. अलका आनंद, लखनऊ के डॉ. अमर कुमार नालंदा के डॉ. विपीन कुमार ने भाग लिया और एक स्वर में नई शिक्षा नीति में मातृभाषा के महत्व को रेखांकित किया।शाम में राष्ट्रीय कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ,जिसकी अध्यक्षता फिरोजाबाद के पूर्व भाजपा सांसद एवं ओज और पौरुष के राष्ट्रीय महाकवि डॉ. ओमपाल सिंह निडर ने की।

 इस अधिवेशन में देशभर के विद्वान,साहित्यकार,कलाकार,पत्रकार,साहित्यसेवी एवं समाजसेवी अपनी साहित्यिक सांस्कृतिक एवं सामाजिक उपलब्धियों के आलोक में विभिन्न उपाधियों यथा विद्या वाचस्पति, विद्यासागर, श्रीराम रत्न से नवाजे गये।इसके अतिरिक्त इस अधिवेशन में साहित्यिक परिचर्चा, सांस्कृतिक कार्यक्रम और राष्ट्रीय कवि गोष्ठी भी आयोजित हुई। राष्ट्रीय कवि गोष्ठी की अध्यक्षता  फिरोजाबाद के पूर्व सांसद और ओज एवं वीर रस के महाकवि डॉ. ओम पाल निडर जी ने की। उन्होंने ओजस्वी वाणी में देशवासियों को जगाते हुए कहा कि:-

उठो साथियो, निज धरम बिक न जाये।

बहना जगो, निज शरम बिक न जाये।

यही आरजू है, मेरी कवि-गणों से; 

की सब कुछ बिके, पर कलम बिक न जाये।।

 देश के नामचीन जिन कवियों एवं कवयित्रियां ने अपनी कविता पाठ से इसमें चार चांद लगाया उनमें प्रमुख रहे हैं - हिंदी के मर्मज्ञ विद्वान डॉ. दिनेश कुमार शर्मा, डॉ. देवेन्द्र देव मिर्जापुरी, डॉ. सुधीर शर्मा, डॉ. अर्चना वार्ष्णेय, डॉ. अखिलेश सिंह, डॉ. जयंत वर्धन, डॉ. प्रिया सिंह, डॉ. गिरधारी लाल अग्रवाल, डॉ. रेणु शर्मा,डॉ. प्रभा दूबे,डॉ.मोहिनी प्रिया,डॉ.अर्चना पाण्डेय,डॉ.अन्न पूर्णा श्रीवास्तव,डॉ.आभा गुप्ता,डॉ.विजय कुमार गुप्ता,डॉ.नवीन कुमार झा,डॉ.कृष्णाजी शर्मा शीलीमार,डॉ.जिताशा सनोठिया,डॉ.विपीन कुमार,डॉ.अलका आनंद,डॉ.तारा मणि पाण्डेय, डॉ.अमर कुमार,डॉ.रुचि कुमारी,डॉ.बलिराम शर्मा, डॉ.रामबदन बरुआ,डॉ.आरती यति,डॉ.अवधेश अग्रवाल,डॉ.मीना कुमारी परिहार,डॉ.प्रभात कुमार सिन्हा,डॉ.राजीव कुमार,डॉ.विजय कुमार दानोरिया,डॉ.श्रीधर गौरहा आदि। राष्ट्र गान से कवि गोष्ठी समाप्त हुई।


  20अक्टूबर 2024 को प्रातः 11 बजे थावे विद्यापीठ गोपालगंज बिहार के कुलगीत से दीक्षांत समारोह का श्रीगणेश हुआ। तत्पश्चात् शास्त्रीय गायन और वादन की सुर सरिता बही, जिसमें प्रतिभागियों ने गोता लगाया। फिल्मी दुनिया की नृत्यांगना श्री मती अंकु सिंह ने अपनी भावमयी स्वागत नृत्य से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। पुनः कुलपति डा विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में 21 वी सदी का नव्य विमर्श: विकलांग पर परिचर्चा प्रारंभ हुई।

अयोध्या में विकलांग-विमर्श की चौदहवीं राष्ट्रीय संगोष्ठी बिलासपुर के तीन विभूतियों को थावे विद्यापीठ द्वारा विद्यासागर (डी.लिट्) की मानद् उपाधि प्रदान की गई।अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद् एवं प्रयास प्रकाशन बिलासपुर के तत्वाधान में थावे विद्यापीठ, गोपालगंज (बिहार) द्वारा अयोध्या के उदासीन संगत ऋषि आश्रम, रानोपाली के भव्य एवं पावन परिसर में दीक्षान्त समारोह और राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 19 एवं 20 अक्टूबर को सम्पन्न हुआ। इस आयोजन में न्यायमूर्ति चन्द्रभूषण बाजपेयी को उनकी कृति ‘‘मेरी अन्तर्यात्रा‘‘, धर्मभूषण पं. श्रीधर गौरहा को उनकी कृति ‘‘महाविद्या-रत्नाकरः‘‘ और डा. आभा गुप्ता को उनकी कृति ‘‘श्रीमद्भागवत का अनुशीलन‘‘ पर विद्याासागर (डी.लिट्) की मानद् उपाधि से विभूषित किया गया। बिलासपुर की तीनो विभूतियों को उनकी सारस्वत साधना, सुदीर्घ हिन्दी सेवा, महत्वपूर्ण उपलब्धियों तथा राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के आधार पर विद्यापीठ की अकादमिक परिषद् की अनुशंसा पर 20 अक्टूबर को मानद उपाधि प्रदान की गई है। विकलांग-विमर्श विषयक् चौदहवीं राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रो. सुरेश माहेश्वरी (अमलनेर, महाराष्ट्र) के बीज-वक्तव्य, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं न्यायमूर्ति चंद्र भूषण बाजपेयी के प्रमुख आतिथ्य एवं डा. विनय कुमार पाठक कुलपति थावे विद्यापीठ की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में डा. अशोक कुमार सनोठिया (इन्दौर), डा. प्रभा दुबे (नोएडा), डा. अर्चना पाण्डेय (दुर्ग), विष्णु कमार तिवारी (मुंगेली), डा. श्रीधर गौरहा एवं डा. आभा गुप्ता (बिलासपुर) ने शोध-पत्र का वाचन किया। इस कार्यक्रम का संचालन डा. अरूण कुमार यदु ने किया तथा आभार प्रदर्शन पूर्व प्रतिकुलपति डा. अरविन्द आनन्द ने किया।*

*20.10.24 को अपराह्न 1 बजे से कुलगीत से दीक्षांत समारोह प्रारंभ हुआ।थावे विद्यापीठ गोपालगंज बिहार के प्रति कुलपति डा जंग बहादुर पाण्डेय ने विद्यापीठ द्वारा दी जाने वाली उपाधियों के महत्व एवं प्रयोजनीयता पर गहन प्रकाश डाला।कुलपति डा विनय कुमार पाठक ने दीक्षांत अभिभाषण दिया और थावे विद्यापीठ गोपालगंज की शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक विकास यात्रा को रेखांकित किया।तदुपरांत विद्यासागर और विद्या वाचस्पति की उपाधियां प्रदान की गई। विद्यासागर की उपाधियां जिन विद्वानों एवं विदुषियों को प्रदान की गई उनके नाम हैं:-*

*1न्यायमूर्ति डा चंद्र भूषण वाजपेयी -रायपुर*

*2 डा गुलाब चंद्र अग्रवाल -बिलासपपुर*

*3 धर्म भूषण पंडित श्रीधर गौरहा बिलासपुर*

*4 डा सुरेश राम विलास माहेश्वरी -अमलनेर*

*5 डा आभा गुप्ता -बिलासपपुर*

*6 डा अन्नपूर्णा श्रीवास्तव -पटना*

*7 डा विपीन कुमार -नालंदा*

*8 डा बीना रूस्तगी-अमरोहा*

*9 डा अलका आनंद दिल्ली*

*10 डा अमर कुमार -लखनऊ*

*11 डा सुधीर शर्मा -रायपुर*



*विद्या वाचस्पति प्राप्त मनीषियों की सूची:-*

*1डा पुष्पा कुमारी*

*2 डा विजय कुमार गुप्ता -रायपुर*

*3 डा जिताशा सनोठिया इंदौर*

*4 डा अर्चना पाण्डेय -दुर्ग*

*5डा विमला माहेश्वरी*

*6 डा भावेश सेठ*

*7 डा गौतम सिंह पटेल*

*8 डा प्रिया सिंह -वाराणसी*

*9  डा जयंत वर्धन -वाराणसी*

*10 डा साबिर अंसारी*

*11 डा श्वेता कुमारी*

*12 डा रूचि कुमारी*

*13 डा बलिराज शर्मा -डालटेनगंज*

*14 डा रामाधार पाण्डेय -रांची*

*15 डा भास्कर मिश्रा*

*16 डा प्रभा दूबे-नोएडा*

*17 डा सुनील कुमार मिश्र*

*18 डा मोहिनी प्रिया -वैशाली*

*19 डा महेश चंद्र अग्रवाल -कासगंज*

   *अन्य उपाधियां:-*

*1 डा गरिमा अमर पंढरपुरे-साहित्यसेवी*

*2 डा संगीता सागर-साहित्य भूषण*

*3 डा उषा किरण खान -साहित्य भूषण*

*4 डा दुखहरण प्रसाद -चिकित्सा रत्न*

*5 डा रेणु शर्मा -साहित्य सेवी सम्मान*

*6 डा विभाग कुमारी -शिक्षा रत्न*

*7 डा महात्मा कुमार सिंह -चिकित्सा रत्न*

*8 डा कृष्णा जी शर्मा शालीमार -वेस्ट डायरेक्टर अवार्ड*

*9 डा अंकु सिंह -वेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड*

*10 डा पंकज प्रियम् -मातृभाषा गौरव सम्मान*

*11 सुश्री ऋतु श्री ज्ञान -शिक्षा श्री*

*12 श्री गजेन्द्र नारायण चौबे-समाज सेवी रत्न*

*दीक्षांत समारोह को थावे विद्यापीठ गोपालगंज के कुलपति डा विनय कुमार पाठक,प्रति कुलपति डा जंग बहादुर पाण्डेय, कुलसचिव डा पी एस दयाल यति,उप कुलसचिव डा गिरधारी लाल अग्रवाल ने अपने विमर्शों से  महाधिवेशन को सार्थकता और गरिमा प्रदान की।डा महंथ देव नायक गिरि ने मंगलाचरण डा अरविन्द आनंद ने संचालन,डा मीना कुमारी परिहार ने सरस्वती वंदना और डा पी एस दयाल यति ने आगत अतिथियों का भव्य स्वागत और डा राजेश कुमार डब्ल्यू ने धन्यवाद ज्ञापन किया। राष्ट्र गान से समापन हुआ।*

      *एक प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर "अयोध्या अधिवेशन" के मीडिया प्रभारी डॉ. नवीन कुमार झा ने यह जानकारी दी कि इस अधिवेशन में देश के एक दर्जन से अधिक राज्यों और 50 से अधिक शहरों के  प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।महाधिवेशन की सफलता के लिए सबका सहयोग एवं सानिध्य मिला थावे विद्यापीठ परिवार सबके शमंगल की कामना करता है:-*

*सर्वे भवन्तु सुखिन:,*

*सर्वे संतु निरामया।*

*सर्वे भद्राणि पश्यंतु,*

*मां कश्चित् दु ख भाग भवेत्।*