लखनऊ, राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा कार्यालय कक्ष ११९ब, मुख्य भवन, सचिवालय, लखनऊ में "हिंदी का वैश्विक विस्तार" विषय पर परिचर्चा एवं काव्यगोष्ठी आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार श्री अनंत प्रकाश तिवारी "अनंत" ने की। मुख्य अतिथि नॉर्वे से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुरेश चन्द्र शुक्ल "शरद आलोक" जी उपस्थित थे।
विशिष्ठ अतिथि श्री चंद्र प्रकाश शर्मा, पूर्व विशेष सचिव, विधान सभा, उत्तर प्रदेश उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल एवम कुशल संचालन श्री सुनील कुमार वाजपेई ने किया।
कार्यक्रम का आरंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन करके किया गया। वाणी वंदना ने श्री रामराज भारती ने किया।
इस अवसर पर डॉक्टर दिनेश चंद्र अवस्थी, डॉक्टर सीमा गुप्ता, श्रीमती मीना गौतम, श्री सुशील कुमार श्रीवास्तव, श्री प्रमोद कांत श्रीवास्तव, श्रीमती प्रतिभा श्रीवास्तव, श्री रूपचंद साहू, श्री संजू मिश्रा, श्री बलदेव वर्मा एवम श्री सर्वेश सोनी आदि वरेण्य साहित्यकारों ने अपने व्यक्तव्यों/ कविताओं से सबको भाव विभोर कर दिया।संस्थान द्वारा कार्यक्रम अध्यक्ष, मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व संचालक को स्मृति चिह्न, अंग वस्त्र, माला आदि भेंट कर सम्मानित किया गया।
वक्ता श्री सुशील चंद श्रीवास्तव ने सभी को विश्व में हिंदी को प्रतिष्ठित करने के लिए किए जा रहे विभिन्न साहित्यकारों के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के उपाध्यक्ष डॉक्टर उमेश "आदित्य" ने किया।