लखनऊ: 08 अप्रैल, 2024
उत्तर प्रदेश राज्य को प्राप्त होने वाले राजस्व में सबसे बड़ा योगदान राज्य कर विभाग का है। 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा राज्य सरकार के राजकोष में कुल रु0 1,10,345.96 करोड़ का योगदान दिया गया है। राजस्व की इस राशि में जीएसटी से रु0 75,157.85 करोड़, जीएसटी प्रतिपूर्ति से रु0 4070.32 करोड़ वैट से रु0 31,113.97 करोड़ की प्राप्त राशि निहित है।
यह जानकारी प्रदेश की राज्यकर आयुक्त श्रीमती मिनिस्ती एस0 ने देते हुए बताया कि राजस्व प्राप्ति का यह कार्य पूर्व के अन्य वर्षों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कठिनाईयों भरा रहा है। भारतीय संविधान के जीएसटी से संबंधित प्रावधानों के अधीन जीएसटी प्रतिपूर्ति का प्रावधान जून, 2022 में समाप्त हो चुका है। गत वर्ष जीएसटी प्रतिपूर्ति के मद में उत्तर प्रदेश राज्य को रु0 11,290.98 करोड़ की राशि प्राप्त हुई थी। वर्ष 2023-24 में इस मद में पूर्व की अवशेष देयता के रूप में रु0 4070.32 करोड़ की ही राशि प्राप्त हुई है, इस प्रकार राज्य पूर्ववर्ती वर्ष की तुलना में रु0 7220.66 करोड़ की राशि कम प्राप्त हुई थी।
इसी प्रकार भारत सरकार द्वारा अनसेटल्ड आईजीएसटी का राज्यों के मध्य वितरण एक पूर्व निश्चित अनुपात में किया जाता रहा है, विगत वर्ष में उत्तर प्रदेश राज्य को इस मद में रु0 2,172.19 करोड़ प्राप्त हुआ, जिसके सापेक्ष इस वर्ष में प्राप्त धनराशि शून्य रही है । इस प्रकार पूर्व में राज्य को नियमित रूप से प्राप्त हो रही राशि में से कुल रु0 9392.85 करोड़ (रु0 7220.66+रु0 2172.19 करोड़) की राशि विभाग को नहीं प्राप्त हुई, जिसकी भरपाई विभाग द्वारा राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति के क्रम में की जानी थी। इसी प्रकार वैट राजस्व में गत वर्ष माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के उपरांत पूर्ववर्ती प्रवेश कर की पी0एल0ए0 में जमा धनराशि रु0 2455.05 करोड़ वैट खाते में स्थानांतरित कराई गई थी, जो नियमित संग्रह का भाग नहीं थी। वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु नियमित वैट संग्रह वास्तव में रु0 29,531.30 करोड़ था।
अपर मुख्य सचिव राज्य कर एवं आयुक्त राज्य कर के कुशल मार्गदर्शन में राज्य कर विभाग द्वारा इस चुनौती को राज्य सरकार को विकास एवं जन कल्याणकारी कार्यों हेतु अतिरिक्त राजस्व प्रदान करने के अवसर के रूप में लिया गया तथा इस दिशा में पूर्ण मनोयोग से योजनाबद्ध तरीके से रणनीति बनाते हुए कार्य प्रारंभ किया गया। पार्दर्शितापूर्ण तरीके से अधिकतम राजस्व संग्रह हेतु तकनीकि का सहारा लिया गया, आई०टी० टूल्स (Business Intelligence and Fraud Analytics (BIFA)) से विभिन्न पैरामीटर पर कार्यवाही कराते हुये मार्च, 24 में रु0 26.04 करोड़ तथा माह तक रु0 1333.05 करोड़ जमा कराया गया। ए0आई0 (Artificial Intelligence) आधारित नोटिस माडयूल की सहायता से वर्ष 2017-18 के लिए रू0 424 करोड़, वर्ष 2018-19 के लिए रू0 327 करोड़ जमा, वर्ष 2019-20 के लिए रु0 61 करोड़ की धनराशि जमा कराई गयी है है। बीफा एवं ए०आई० आधारित नोटिस से वर्ष 23-24 में मार्च तक रू0 2145.74 करोड़ जमा हुआ है। कार्यदायी सरकारी संस्थाओं को टी0डी0एस0के संबंध में विभिन्न बैठकों के माध्यम से जागरुक किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप वर्ष 2023-24 में मार्च तक टीडीएस राजस्व रु0 4227.97 करोड़ जमा हुआ है, जो मार्च, 2023 तक के टीडीएस राजस्व रु0 3489.14 करोड़ से 738.83 करोड़ अर्थात् 21.2 प्रतिशत अधिक है। विभाग द्वारा राजस्व वृद्धि के लिए हर संभव प्रयास सुनिश्चित कराए गए हैं। साथ ही संगत वर्ष में 3.05 लाख नए रजिस्ट्रेशन निर्गत किए गए हैं, इससे प्रदेश में निर्गत होने वाले रजिस्ट्रेशन की संख्या 32.05 लाख हो गई है।
राजस्व चोरी रोकने के लिये कड़े कदम उठाये गये सचल दल इकाईयों द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में रु0 603.93 करोड़ आरोपित कर/अर्थदण्ड जमा कराया गया जो गत वर्ष संगत अवधि तक रु0 498.61 करोड़ आरोपित/जमा अर्थदण्ड से 21प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार वि०अनु०शा० इकाईयों द्वारा रु0 874.50 करोड़ जमा कराया गया है जो गत वर्ष मार्च तक जमा राजस्व रू0 439.90 करोड़ से 98.8 प्रतिशत अधिक है।
इन कार्यों का परिणाम गत वर्ष की तुलना में अधिक राजस्व संग्रह से परिलक्षित हो रहा है। भारत सरकार की प्रेस विज्ञप्ति पी0आई0बी0 नई दिल्ली 1/4/24 के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में देश के जीएसटी राजस्व में 11.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रकाशित विज्ञप्ति के राज्यवार आंकड़ों के अनुसार जहां एक ओर उत्तर प्रदेश राज्य की जीएसटी वृद्धि दर 16 प्रतिशत की रही है वहीं दूसरी ओर आर्थिक एवं औद्योगिक विकास की दृष्टि से कुछ अन्य महत्वपूर्ण राज्यों अर्थात महाराष्ट्र में 15 प्रतिशत, कर्नाटक में 15 प्रतिशत, तमिलनाडु में 13 प्रतिशत, गुजरात में 10 प्रतिशत, राजस्थान में 12 प्रतिशत, हरियाणा में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु नियमित वास्तविक वैट संग्रह रु0 29,531.30 करोड़ के सापेक्ष वर्ष 2023-24 में रु0 31,113.97 करोड़ की राशि वैट के मद में प्राप्त हुई है, जो गत वर्ष के नियमित राजस्व से 1,582.67 करोड़ अर्थात 5.4 प्रतिशत अधिक है।
वर्ष 23-24 हेतु विभाग को 1.5 लाख करोड़ का लक्ष्य प्राप्त हुआ था जिसके सापेक्ष लक्ष्य की पूर्ति 73.6 प्रतिशत की रही है। वित्त विभाग द्वारा प्रकाशित प्रदेश के सभी सकल कर राजस्व की औसत लक्ष्य पूर्ति 74.3 प्रतिशत है। राज्य कर विभाग का जीएसटी एवं वैट की सम्मिलित लक्ष्य पूर्ति भी इसके समकक्ष है। सम्मिलित रूप से राज्य कर विभाग द्वारा जीएसटी एवं वैट के नियमित राजस्व से गत वर्ष से तुलनात्मक रुपए 14,790 करोड़ अधिक अर्थात 16.2 प्रतिशत अधिक राजस्व जमा किया गया है। माह नवंबर में भारत सरकार द्वारा प्रदेश की देय आईजीएसटी में बजट न होने से रुपया 1,158.30 करोड़ रोक लिया गया है, जो आगे के माहों में प्राप्त होगा, इसको मिलाकर विभाग को प्राप्त सकल राजस्व 1,11504.26 करोड़ होता है, जो प्रदेश के सभी सकल कर राजस्व की औसत लक्ष्य पूर्ति के बराबर है।