काव्य गोष्ठी में रंगीन भावों की बौछार

 


इस होली पर कीजिए, यही एक अनुबंध

संबंधों के बाग में, बिखरे नेह सुगंध


 भोपाल। होली के सुअवसर पर हिंदी भवन में रंग-बिरंगी काव्य गोष्ठी सानंद सम्पन्न हुई। सभी ने एक-दूजे को होली की शुभकामनाएं दीं और गीत-ग़ज़ल एवं कविताओं के माध्यम से अपने रंगीन भाव उड़ेले।

 निर्भया साहित्यिक सामाजिक एवं महिला कल्याण संस्थान द्वारा काव्य गोष्ठी के लिए विशेष प्रबंध किए गए। गोष्ठी में सर्वधर्म सम्भाव का मनमोहक नज़ारा भी देखने को मिला।

 निर्भया सम्मान से विभूषित प्रतिभा जी ने पढ़ा:

 ‘‘संबंधों के बाग में, बिखरे नेह सुगंध। 

इस होली पर कीजिए, यही एक अनुबंध।।’’

 कवयित्री ज्योति ने सुनाया:

 ‘‘राधा श्याम खेले होली,गोप गोपियों की टोली।

हरा लाल पीला रंग,भरी पिचकारी है।।’’

 



अनिता श्री ने कहा:

 ‘‘धरती अंबर होली खेले, कितना मधुर प्रसंग।’’

 

रजनी जी ने पढ़ा:

 

‘‘तुम्हारे संग होली में, जीयेंगे भंग होली में’’

 

साधना जी ने पढ़ा:

 

‘‘रे बासंती दुल्हन तुझसे फाग करें मनुहार’’

 

इस अवसर पर संस्था की अध्यक्ष प्रमिला मीता ने बताया कि प्रत्येक माह एक महिला साहित्यकार को निर्भया साहित्य सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।