ग़ज़ल-योगेन्द्र कुमार निषाद, घरघोड़ा

 ग़ज़ल 🍁

वक्त बे-वक्त  ना  आजमाया करो।
हर घड़ी युँ न हमको सताया करो।1

दूर रहना नहीं है....... गवारा हमें,
छोड़ तन्हा न तुम दूर जाया करो। 2

बात ही बात में  रुठ जाते हो तुम, 
हो वफ़ा प्यार तो तुम जताया करो।3

आग दिल में लगी  है बड़ी जोर की, 
अब न तूफ़ान दिल का दबाया करो।4

दिल जिगर जान तेरी सदा ही रही,
मोड़ कर मुँह न हमको जलाका करो। 5
योगेन्द्र कुमार निषाद, घरघोड़ा