लखनऊः 26 दिसम्बर, 2023
प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज डॉ ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ का 21वाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। राज्यपाल जी ने कलश में जलधारा अर्पण करके जल संरक्षण के संदेश के साथ दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ किया। समारोह में कुल 50196 उपाधियों का वितरण किया गया। शोध के लिए 112 शोधार्थी विद्यार्थियों ने उपाधि प्राप्त की। समारोह में 39 स्वर्ण पदक, 27 रजत पदक व 27 कांस्य पदकों का वितरण कुलाधिपति जी द्वारा किया गया। राज्यपाल जी ने उपाधि/पदक प्राप्त कर्ताओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए सभी को दीक्षांत समारोह की शुभकामनाएं दी।
दीक्षांत समारोह के अवसर पर राज्यपाल जी द्वारा बटन दबाकर 50,196 उपाधियों को डिजिलॉकर में अपलोड किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जे0पी0 पांडेय द्वारा विश्वविद्यालय की वार्षिक प्रगति आख्या पढ़ी गई।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय द्वारा पहली बार स्टूडेंट स्टार्टअप के रूप में तीन विद्यार्थियों को स्टूडेंट स्टार्टअप अवार्ड भी प्रदान किया गया। राज्यपाल जी ने आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने हेतु 25 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को किट प्रदान की। ज्ञातव्य है कि प्रदेश स्तर पर राज्यपाल जी द्वारा अब तक आंगनबाड़ी केन्द्रों हेतु 7,895 किट प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने समारोह में उम्मीद संस्था के बच्चे, क्षय रोग ग्रसित बच्चे, प्राथमिक विद्यालय व अनाथालय से आए 54 छात्र-छात्राओं व बच्चों को उपहार स्वरूप स्कूल बैग, पठन-पाठन सामग्री तथा पोषण सामग्री प्रदान की। कार्यक्रम में राजभवन की ओर से स्कूली बच्चों हेतु लखनऊ के प्राथमिक विद्यालय रैथा व बेसिक विद्यालय रसूलपुर कायस्थ के पुस्तकालय हेतु प्राध्यापकों को 100-100 पुस्तकें प्रदान की गयी।इस अवसर पर यूपी के पूर्व मुख्य सचिव और 1985 बैच के आईएएस अधिकारी और आईआईटी कानपुर और ससेक्स यूनिवर्सिटी यूके के पूर्व छात्र डॉ. राजेंद्र कुमार तिवारी कोे दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया। उनके शोध का विषय था श्उत्तर प्रदेश राज्य के संदर्भ में सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणाली का एक अध्ययन।श् यह अध्ययन 1090 से अधिक सेवा प्राप्तकर्ता और 747 सेवा प्रदानकर्ता अधिकारियों के एक बड़े सर्वेक्षण पर आधारित है। अध्ययन ने सेवा वितरण की प्रभावशीलता और इस प्रक्रिया में प्राप्त समग्र सार्वजनिक संतुष्टि को मापने के लिए एक नया मॉडल सामने लाया है। यह शोध डॉ. एमके झा इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ कोऑपरेटिव मैनेजमेंट की देखरेख में किया गया है। डॉ. तिवारी के पास राज्य सरकार और भारत सरकार के अधीन मुख्य सचिव यूपी, एपीसी, अपर मुख्य सचिव, कमिश्नर और कई जिलों के डीएम समेत विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम करने का 37 साल से अधिक का लंबा अनुभव है। उन्हें कई पुरस्कारों और प्रशंसाओं से सम्मानित किया गया है और उन्होंने निजी विश्वविद्यालय अधिनियम पारित करने, जीएसटी के कार्यान्वयन, स्वच्छ भारत मिशन, श्रम सुधार और कोविड के प्रभावी प्रबंधन की कई पहल की हैं। वह वर्तमान में कई हितधारकों के सहयोग से राजस्थान के जोधपुर में एक अंतर्राष्ट्रीय जल संस्थान की स्थापना में शामिल हैं। उनका मानना है कि जीवन सीखने की एक सतत और कभी न खत्म होने वाली यात्रा है और यह समाज, देश और दुनिया द्वारा उन्हें दिए गए महान अवसर और सम्मान का ऋण चुकाने का समय है। वह अपने गाइड, उत्तर प्रदेश राज्य और सरकार, उसके लोगों और अधिकारियों तथा अपने परिवार के सदस्यों के उस सहयोग के लिए आभारी हैं, जिसने उन्हें अपना शोध कार्य शुरू करने और पूरा करने में सक्षम बनाया।