काव्य समारोह संपन्न



लखनऊ, नव समानुभूति संस्था, लखनऊ के द्वारा काव्य समारोह का आयोजन जीपीओ पार्क हजरतगंज, लखनऊ में किया गया. कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि डॉक्टर शालिनी सजल, विशिष्ट अतिथि आचार्य सत्येन्द्र शुक्ल  रहे.काव्य समारोह की अध्यक्षता  मानस मुकुल त्रिपाठी  ने की। काव्य समारोह का सफल संचालन संस्था के महासचिव अखिलेश त्रिवेदी शाश्वत ने किया। काव्य समारोह का आरंभ शाश्वत की वाणी वंदना से हुआ। डॉ. अरविंद कुमार झा

-जितने भी बम दिये पाक को अमेरिका ने,उतने तो रोज निकले कबाड़ में यहां ।

 रामलखन यादव पवन कौशाम्बी, सुश्री नीतू सिंह चौहान आदि ने अपने देश प्रेम की कविता सुनाई वही 

 राम राज भारती-- 

वतन में साथ रहते हैं मनाते हैं ईद दीवाली, करें कवि राष्ट्र की रक्षा भले ही हाथ हो खाली।

 विपुल मिश्रा, -जहां प्राण प्यारे रावरे का सदन बना, मन वहां जाने को तरसता है आठो यम। 

 आदित्य तिवारी ने अपना मुक्तक पढ़ा वहीं  डॉ., प्रवीण त्रिपाठी वसंत ने सुनाया --

 है सुनहरा गाँव मेरा मखमली यादें संजोये।

 प्रवेंद्र सिंह चौहान, ने प्रेम पर कविता सुनायी।


अखिलेश त्रिवेदी शाश्वत,--

जिनके बल से हैं सुबह जिनके बल से शाम,विश्व मंच के निदेशक हैं अपने प्रभु राम  ।

सत्येन्द्र शुक्ल,--तुम्हें भी दर्द का एहसास होना चाहिए ।

 डॉ. शालिनी सजल, -

देश प्रेम की परवाजो से प्रेम तरंगे छोड़ी जाए, नफ़रत की दीवार देखो बहुत खड़ी है तोड़ी जाए।

 एवं अध्यक्ष मानस मुकुल त्रिपाठी 

-- इस देश में कोई किसी को परेशान नहीं देखता, आजकल स्वार्थ में इंसान को इंसान एनएचआई दिखता है।

जिसे उपस्थित जनो ने सराहा साथ ही  धर्माध्यात्म, प्रेम, ईश्वर, सनातन धर्म, राष्ट्रभक्त, क्रांतिकारी, बलिदानियों समेत देश- काल के विविध विषयों पर  आधारित काव्य पाठ किया। 

राष्ट्रभक्त क्रांतिकारियों की स्मृति का पर उपस्थित साहित्यकारों द्वारा माल्यार्पण किया गया।