लखनऊ। निराश्रित गोवंश के 60 दिवसीय संरक्षण अभियान का शुभारम्भ राजधानी लखनऊ के चिनहट क्षेत्र में डा0 रजनीश दुबे अपर मुख्य सचिव,पशुधन उ0प्र0 शासन,लखनऊ ने किया । इस अवसर पर डा0 रजनीश दुबे ने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, राजस्व विभाग, नगर विकास विभाग, गृह विभाग एवं पशुधन विभाग के सभी अधिकारी तथा कार्मिक आपसी समन्वय बनाकर कार्य करे। भम्रण के दौरान श्री इन्द्रजीत सिंह, नगर आयुक्त, श्री अजय जैन, मुख्य विकास अधिकारी , डा0 पी0एन0 सिंह, अपर निदेशक , श्री अजीत सिंह, जिला विकास अधिकारी, श्री हिमांशू शेखर ठाकुर, जिला पंचायत राज अधिकारी, श्री तेग बहादुर सिंह, जिला कृषि अधिकारी, डा0 ए0के0 वर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, डा0 अरविन्द राव, अपर आयुक्त, नगर निगम, खण्ड विकास अधिकारी एवं अन्य जनप्रतिनिधि सहित क्षेत्रीय पशुपालक, ग्रामवासी उपस्थित रहे साथ ही अस्थाई गो आश्रय स्थल पपनामऊ(चिनहट) का भी भ्रमण किया गया। गोवंश संरक्षण अभियान के शुभारम्भ के दौरान निर्देश दिये गये:-नगर निगम लखनऊ द्वारा नगरीय सीमा में सम्मिलित लगभग 7 एकड़ भूमि पर सराय शेख स्थित गौशाला का निरीक्षण किया गया तथा उक्त गौशाला को नंदीशाला के अभ्यारणय के रूप में विकसित करने हेतु निर्देश दिये गये।
प्रथम चरण में 200 नंदी संरक्षित करते हुए दिनंाक 30.11.2023 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये गये तथा द्वितीय चरण में इनकी क्षमता को 750 करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया साथ ही साथ गोवंश के भरण-पोषण हेतु मौसम तथा पर्यावरण अनुकूल हरा चारा उत्पादन के निर्देश दिये गये। जिससे माह- दिसम्बर-2023 में शहरी क्षेत्र में विचरण कर रहे नर गोवंशों को संरक्षित किया जा सके।
सराय शेख के निकट गोवंश को हरा चारा उपलब्ध कराये जाने के दृष्टिगत चारागाह की व्यवस्था की जाय। जिसकी विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट जिसमें गोवंश शेड, चरही, भूसा गोदाम, गोसेवक हेतु कक्ष, पानी पीने हेतु हौज, वायर फेन्सिंग आदि की व्यवस्था एक माह में सुनिश्चित की जाये।
क्रियाशील अस्थायी गोआश्रय स्थल पपनामऊ (चिनहट) में संरक्षित 123 गोवंशों में नर एवं मादा गोवंश को पृथक-पृथक रखने के निर्देश दिये गये। अस्थायी गोआश्रय स्थल की क्षमता का विस्तार कर उसमें लगभग 300 गोवंशों की क्षमता के अनुरूप समस्त व्यवस्थायें विकसित की जाये।
पपनामऊ में लगभग 15 एकड़ भूमि उपलब्ध है। क्षमता विस्तार हेतु अतिरिक्त शेड, चरही तथा उपलब्ध शेड की मरम्मत कार्य पूर्ण कर लिया जाय। वर्मी कम्पोस्ट, खडण्न्जा, शेड गोआश्रय स्थल पर उपलब्ध भूमि का विभाजन करके चारे की व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये।
गोआश्रय स्थल पर निराश्रित गोवश के भरण पोषण मंे और सुधार के दृष्टिगत एस0एफ0सी0 पूलिंग किया जाना नितान्त आवश्यक है साथ ही पूलिंग मद में प्राप्त धनराशि को प्राथमिकता पर भरण-पोषण मद में व्यय किये जाने तथा उसके उपरान्त अवशेष धनराशि को अवस्थापना मद में आवश्यकतानुसार व्यय किये जाने के निर्देश दिये गये।
गोआश्रय स्थलों से सम्बद्व चारागाहों पर हरे चारे की बुआई विशेषकर जई, बरसीम एवं नैपियर घास आदि के बोआई कराये जाने के निर्देश दिये गये।
अस्थायी गोआश्रय स्थल पपनामऊ को भविष्य में एक आदर्श अस्थायी गोआश्रय स्थल बनाने हेतु प्रयास किया जाय। उक्त हेतु मनरेगा आदि से धनराशि की व्यवस्था की जाय। अभियान के शुभारम्भ पर प्रथम दिन आज दिनांक 01.11.2023 को 19 गोवंशों को संरक्षित किया गया।
अन्त में समस्त उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सम्बन्धित विभाग वर्णित कार्यक्रम को समयबद्व रूप से संचालित करें। माह- दिसम्बर-2023 तक शत-प्रतिशत निराश्रित गोवंश को संरक्षण का कार्य करें।