साड़ी, माथे पर कुमकुम और गले में मंगलसूत्र पहने ये महिलाएं ग्रामीण, किसान या घरेलू कामगार नहीं बल्कि इसरो के वैज्ञानिक हैं
साड़ी, माथे पर कुमकुम
और गले में मंगलसूत्र पहने ये महिलाएं ग्रामीण, किसान या घरेलू कामगार नहीं बल्कि इसरो के वैज्ञानिक हैं जिन्होंने कल चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। महिलाओं की आजादी के नाम पर पिछले कुछ सालों में टी-शर्ट, जींस और बरमूडा पहनने का चलन आम हो गया है, जिसका खोखलापन इन महिला वैज्ञानिकों ने दिखाया है। इन्हीं वैज्ञानिकों ने पिछले दिनों चंद्रयान के प्रक्षेपण से पहले बालाजी के दर्शन किये थे. यह तस्वीर इस बात का अच्छा उदाहरण है कि संस्कृति कभी भी प्रौद्योगिकी की कीमत पर नहीं आती। दूसरी ओर, कुछ लोग अल्प ज्ञानी होते हैं और अपनी आत्म-प्रशंसा के लिए धर्म, पूजा और अंतिम संस्कार को अंधविश्वास बताते हैं। कुछ लोग अपने अहंकार को संतुष्ट करने के लिए अंधविश्वास मिटाने की आड़ लेते हैं, तो कुछ लोग वैज्ञानिक होने का दिखावा करते रहते हैं। परन्तु वास्तव में ऐसे लोगों को विज्ञान का सामान्य ज्ञान भी नहीं होता; चैट सर्वज्ञ बनने के बारे में है।