सात दिवसीय मशरूम प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन
लखनऊ विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद द्वारा प्रयोजित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस परियोजना के अंतर्गत प्रधान अन्वेषक प्रोफेसर अमृतेश चंद्र शुक्ल के निर्देशन में स्नातक और स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों के लिए आयोजित सात दिवसीय (1 से 7 जुलाई) निःशुल्क मशरूम उत्पादन, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन पर व्यावहारिक प्रशिक्षण का समापन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मशरूम संवर्धन क्षेत्र में शोध प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करना तथा छात्रों को मशरूम संवर्धन की विभिन्न तकनीकों पर प्रशिक्षण प्रदान करना था। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्नातक और स्नातकोत्तर के 50 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।
इस सप्तदिवसिय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन प्रोफेसर शुक्ला की रिसर्च टीम डॉ. रिचा शर्मा, अंकिता मौर्य, हिमांशु यादव, रजा वारिस, दिव्यांशु यादव, रामानंद यादव, हर्षिता गौरव और शालिनी चौरसिया के सहयोग से सम्पन्न किया गया। कार्यक्रम के प्रथम चरण में मशरूम उत्पादन के दौरान उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों और तकनीकों की जानकारी प्रशिक्षक अंकिता मौर्य एवं हिमांशु यादव द्वारा प्रशिक्षार्थिओं को प्रदान की गयी। तकनीकी जानकारी के साथ साथ छात्रों को उपकरणों का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया। कार्यक्रम के द्वितीय एवं तृतीय चरण में प्रशिक्षक रजा वारिस, हर्षिता गौरव, रामानंद यादव एवं दिव्यांशु यादव के द्वारा कवक संवर्धन और मशरूम सब्सट्रेट तैयारी का प्रशिक्षण दिया गया।
इस प्रशिक्षण सत्र के बाकी चरणों के दौरान, छात्रों को मशरूम संवर्धन क्षेत्र में विभिन्न अभ्यासाधन कार्यक्रमों, और व्याख्यानों के माध्यम से डॉ. रिचा शर्मा के द्वारा ऑयस्टर मशरूम उत्पादन के सम्बंध में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की गयी। इसके अंतर्गत प्रशिक्षार्थिओं को भूसे को भिगाने की प्रकिया, सपॉनिंग तथा बैगिंग का तरीका सिखाया गया। मशरूम उत्पादन के साथ साथ इसके मूल्य संवर्धन पर भी ध्यान केंद्रित गया। जिसके अंतर्गत प्रशिक्षार्थिओं को मशरूम की खाने की चीजें जैसे पकौड़ी, नमकीन, चिल्ला, सूप आचार, बिस्किट, मठरी एवं लड्डू बनाना सिखाया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन में दक्षिण कोरिया से आये आगुन्तको ने मशरूम उत्पादन तथा मूल्य संवर्धन की जानकारी ली। उन्होंने प्रशिक्षार्थिओं से संवाद किया तथा इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता बताते हुए इसकी प्रशंसा की।
शोधाधीन सात दिवसीय मशरूम संवर्धन प्रशिक्षण के समाप्ति पर कार्यक्रम आयोजक प्रोफेसर शुक्ला ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन के लिए धन्यवाद दिया और बताया कि यह कार्यक्रम मशरूम उत्पादन क्षेत्र में शोधाधीन छात्रों के लिए एक बड़ा अवसर है। प्रो. शुक्ला ने कहा की हम देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, और इसमें हमारे माननीय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी का मुख्य केंद्र लघु उद्यमिता के विकास पर है। इस दृष्टिकोण स मशरूम संवर्धन क्षेत्र विज्ञान और तकनीक के साथ उद्यमिता का एक महत्वपूर्ण रोचक क्षेत्र है। इसमें अध्ययन करने से आप खुद को विशेषज्ञता और नवीन वैज्ञानिक विचार के साथ सशक्त कर सकते हैं। यह प्रशिक्षण सत्र स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के छात्रों को मशरूम संवर्धन क्षेत्र में क्रांति लाने और उनकी क्षमताओं को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम होगा। इस संबंध में प्रो. शुक्ला ने स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्रों की भविष्य में उद्यमिता को लेकर निर्देशन करने का आश्वासन दिया है। एवं उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए ऐसे आयोजन छात्रों के लिए आगे भविष्य में भी आयोजित किये जाते रहेंगें। आयोजन के समापन के दौरान प्रो. शुक्ला ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय, वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. मुन्ना सिंह तथा प्रशिक्षार्थिओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।