श्री रमेश नितिन गोकर्ण  प्रमुख सचिव को   सुरेन्द्र अग्निहोत्री ने अपने द्वारा लिखित पुस्तक “ “उत्तर प्रदेश स्वतंत्रता  संग्राम   ललितपुर “   भेंट की
 लखनऊ : 25 मई, 2023  श्री रमेश नितिन गोकर्ण  प्रमुख सचिव  आवास  तथा  कर उ.प्र.शासन  को   दैनिक सत्ता सुधार  यू.पी. ब्यूरो प्रमुख, लेखक, सुरेन्द्र अग्निहोत्री ने अपने द्वारा लिखित पुस्तक ““उत्तर प्रदेश स्वतंत्रता  संग्राम   ललितपुर “   भेंट की इस अवसर पर श्री गोकर्ण ने जिलाधिकारी के रूप में ललितपुर के विकास के संदर्भ में अपने संस्मरण सुनाने के साथ 23 वर्ष पूर्व  की यादें ताजा की ।इस अवसर पर  लेखक ने कहां 1840-42 से शुरू हुए सुराज के आजादी आन्दोलन में सभी जातियों के योगदान को खोजकर लिखने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, वहीं तत्कालीन काल के विशिष्ट और समृद्ध समाज की गतिविधियों को भी भली-भांति प्रस्तुत करने में सफलता पाई है। लेखक ने ऐसे दृश्य उत्पन्न किए हैं जो उनके लेखन को और भी दृढ़ता देते हैं।पुस्तक का यह अंश  महत्वपूर्ण है-  महमूद गजनवी 1023 में ललितपुर के मार्ग से कांलिजर युद्ध करने गया। विद्याधर ने राजनैतिक कौशल के बल पर महमूद गजनवी को समझौता के लिए विवश कर दिया। महमूद गजनवी युद्ध लड़े बिना लूटपाट करता हुआ वापिस लौट रहा था, मध्यकाल में तब मुगल छोटे-छोटे राजाओं के आपसी संघर्ष का लाभ लेकर अपना राज्य कायम करने की ओर अग्रसर हो रहे थे। ऐसे ही समय देश के अन्तरदेशीय व्यापार के कुछ बिखरे सूत्र संयोग से नागा गुसाई साधुओं के हाथ आ गये।“ नागा गुसाइयों ने विधर्मी आक्रान्ताओं द्वारा धर्म स्थानों को अपवित्र करने तथा मूर्तियों को खंडित करने के कारण धर्म रक्षा हेतु अनेक युद्ध लड़े और ललितपुर में सिरसी में गढ़ी (मठ) स्थापित कर छोटी जागीरदारी तक स्थापित की थी। नागा गुसाई ऐसे ही योद्धा साधुओं के एक वर्ग से ललितपुर के गिन्नोट बाग के पास पड़ाव डाले महमूद गजनवी का संघर्ष हुआ था। गुसाई मुख्य रूप से शैव थे। वे अपने मृतकों की भूमि में समाधि के ऊपर वृक्ष लगा देते थे, कुछ स्थानों पर शिव मंदिर बनाने के भी प्रमाण मिलते हैं। गिन्नोट बाग में पांच वृक्षों की मौजूदगी इस काल खण्ड की घटना की पुष्टि करती है।ललितपुर में पुस्तक विमोचन समारोह में आने का निमंत्रण  भी स्वीकार किया। इस अवसर पर पंचायत विकास परिषद के अध्यक्ष सतीश पुरोहित ने वार्षिक स्मारिका भेंट की।