भगवान श्री गणेश की लगभग 5000 कलाकृतियों का सृजनकर #लिम्का_बुक_ऑफ_रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराने बाले सैयद मेहर अली अब्बासी का निधन
कला भी एक प्रकार की साधना है ,और यदि इबादत का माध्यम ही कला बन जाए तो ऐसी कला और कलाकार लोगों के जहन में अपनी अमिट छाप छोड़ते हैं। केवल कहने को ही नहीं, इस बात को हकीकत में बयान किया है जोधपुर के वयोवृद्ध चित्रकार सैयद मेहर अली अब्बासी ने। उम्र के सत्तर दशक पार कर चुके जोधपुर निवासी अब्बासी को गणेश ने इतना प्रभावित किया कि अपने जीवन काल में पांच हजार से अधिक केवल गणेश की पेंटिंग का कलेक्शन संजोए हुए है। सैयद मेहर अली अब्बासी का ये गणेश प्रेम हिन्दू मुस्लिम भावना से ऊपर कला को धर्म रूप में स्थापित करने का जीवंत प्रमाण है। 10, 000 से भी ज्यादा पेंटिंग और क्राफ्ट के काम किए हैं। इनमें से करीब 5000 तो अकेले गणेश पर हैं। उनका कहना है कि उनकी अधिकतर गणेश वाली पेंटिंग ही बिकी हैं। राष्ट्रीय अंतररास्ट्रीय कला दीर्घाओं समेत कला जगत के कद्रदान भी उनके गणेश प्रेम के ही मुरीद हैं।इसके लिए उन्होंने हिंदू माइथोलॉजी का भी गहराई से अध्ययन किया है, और अब अध्ययन को चित्र संयोजन के माद्यम से आकार देते हुए उनको खुसी होती है। बकोल मेहर अली अब्बासी शुरुआत इतनी आसान नही रही ,लेकिन लगातार काम के प्रति समर्पण ने कब 70 दशक पार किये इसका आभास ही नही हुआ।
आज दिनाक 13.04.2023 को प्रातः राजस्थान के जोधपुर से वरिष्ठतम कलाकार, चित्रकार और कला शिक्षाविद श्री सैयद मेहर अली अब्बासी जी का असामयिक निधन हो गया है । आप वो महान विभूति है जिन्होंने भगवान श्री गणेश की लगभग 5000 कलाकृतियों का सृजनकर #लिम्का_बुक_ऑफ_रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है । आपका गणेश प्रेम हिंदू-मुस्लिम भावनाओं से ऊपर कला धर्म स्थापित करने का जीवंत उदाहरण है। आपने धार्मिक, तांत्रिक , लोक कला पर कई कलाकृतियों का सृजन किया है।