तरुणोदय परिषद में मनाया विक्रम संवत २०८० समारोहमें सम्मानित हुए साहित्यकार
कोसी अंचल साहित्यकारों के समानार्थ चर्चित साहित्यिक -संगठन तरुणोदय सांस्कृतिक विकास परिषद के तत्वाधान में विक्रम संवत २०८० नववर्षोत्सव पूर्णिया स्थित कला भवन सभागार में डॉ पी॰पी॰सिन्हा की अध्यक्षता में समारोह पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्र निदेशक विजय नंदन प्रसाद, प्रो० देव नारायण देव, बाबा बैद्यनाथ पूर्णिया एवं विशिष्ट अतिथि सियाराम मयंक (मधेपुरा) थे। संचालन डॉ० प्रेमचंद्र पांडे भागलपुर ने किया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन कर आगत अतिथि साहित्यकारों द्वारा किया गया। तत्पश्चात वंदना स्वागत भाषण देवेश चौधरी, परिषद संस्थापक कैलाश बिहारी चौधरी ने की। लोकार्पण सत्र में बाबा वैद्यनाथ की रचित पुस्तक रिझाती है कुंडलियां गुनगुनाती गीतिका एवं दिलीप समदर्शी अररिया की पुस्तक सीतम के पत्थर का लोकार्पण किया गया। इसके बाद सम्मान सत्र में विनोद विक्की (खगड़िया) को कोशी गौरव साहित्य सम्मान एवं डॉ पी०पी ०सिन्हा किशनगंज को काव्य गौरव साहित्य सम्मान स्वरूप प्रतीक चिन्ह, रेशमी चादर, सम्मान पत्र सहित १०००,५०० रुपये की राशि चेक प्रदान कर सम्मानित किया गया। विचार सत्र में मुख्य अतिथि विजय नंदन प्रसाद, प्रो० देव नारायण देव, बाबा बैद्यनाथ, गोपाल चंद्र घोष मंगलम, आदि ने राष्ट्रीय विक्रम संवत को भारतीय संस्कृति के परिचायक को स्वीकारने पर बल दिया। विचार सत्र बाद कवि सम्मेलन की शुरुआत परिषद अध्यक्ष गंगेश पाठक के सरस्वती वंदना से हुआ। काव्य सत्र में सियाराम मयंक मधेपुरा, रंजीत तिवारी कटिहार, दिलीप समदर्शी अररिया, ज्ञानशु सिंह राजपूत बलिया (उ० प्र०) आशु चौधरी, बाबा बैद्यनाथ, उमेश पंडित उत्पल, योगेंद्र विद्यार्थी, कपिल देव कल्याणी, बद्री मंडल, मोहिचन्द केसरी, कैलाश बिहारी चौधरी, डॉ० प्रेमचन्द पाण्डे भागलपुर, प्रो० किशोर यादव, चंद्रशेखर झा,दिनकर दीवाना, सुनील समदर्शी, परिषद संरक्षिका उत्तिमा केसरी, विजय नंदन प्रसाद, प्रो० देव नारायण देव आदि ने काव्य पाठ से सबको प्रभावित किया। अपने अध्यक्षीय भाषण में श्री सिन्हा ने परिषद की सराहना करते हुए विक्रम संवत पर विस्तारपूर्वक चर्चा की ।एवं सबों को नववर्ष की बधाई दी। कार्यक्रम के अंत में संस्थापक कैलाश बिहारी चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। तत्वपश्चात खीर पान करवाया गया।