शोधादर्श के प्रो. ऋषभदेव शर्मा विशेषांक का किया गया विमोचन
( ब्यूरो) हैदराबाद, 15 फरवरी
शोध पत्रिका शोधादर्श के प्रो. ऋषभदेव शर्मा विशेषांक के विमोचन समारोह का आयोजन आदर्श नगर में किया गया। अंचल के साहित्यकारों, पत्रकारों और कवियों ने इस मौके पर प्रोफेसर ऋषभदेव शर्मा के साहित्यिक सफर को अपने शब्दों के माध्यम से प्रदर्शित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता हरिद्वार से पधारे डॉ. सुशील कुमार त्यागी ने की। उन्होंने स्वस्ति वाचन और सरस्वती वंदना से समारोह का शुभारंभ किया। प्रो. ऋषभदेव शर्मा, डॉ. सुशील कुमार त्यागी, डॉ. ओपी सिंह एवं डॉ. संजय त्यागी को अंगवस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। हिन्दी ग़ज़ल के पितामह दुष्यंत कुमार के भतीजे अतुल कुमार त्यागी ने प्रोफेसर ऋषभदेव शर्मा को समर्पित शोधादर्श - प्रेम बना रहे विशेषांक का विमोचन किया। अवसर पर प्रमुख वक्ता डॉ. ओपी सिंह ने कहा कि प्रो. ऋषभदेव शर्मा न सिर्फ हिन्दी साहित्य की सेवा कर रहे हैं, बल्कि सुदूरवर्ती दक्षिण भारत में हिन्दी भाषा के सम्मान के लिए प्रचार-प्रसार भी
शोध पत्रिका शोधादर्श के
कर रहे हैं। आभासी माध्यम से जुड़े प्रो. गोपाल शर्मा, डॉ. मंजू शर्मा, संयुक्त संपादक डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा, डॉ. एन. लक्ष्मीप्रिया, डॉ. शिवकुमार राजौरिया और अतिथि संपादक डॉ. विजेंद्र प्रताप सिंह ने कवि- समीक्षक ऋषभदेव शर्मा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर संक्षिप्त चर्चा की और उन पर केंद्रित विशेषांक के लिए शोधादर्श - परिवार को बधाई दी।
पत्रिका संपादक अमन कुमार त्यागी ने विमोचन समारोह बताया कि लोकार्पित विशेषांक में 66 शोधपूर्ण आलेख और संस्मरण शामिल हैं। इन्हें 4 खंडों में रखा गया है, जिनके शीर्षक क्रमशः आँखिन की देखी, कागद की लेखी, गहरे पानी पैठ और चकमक में आग हैं। पाँचवें खंड कबहूँ न जाइ खुमार में ऋषभदेव की हम्प्रतिनिधि 51 कविताएँ तथा 32 मुक्तक शामिल हैं। विशेषांक की प्रथम प्रति स्वीकार करते हुए प्रो. ऋषभदेव
शर्मा ने कहा कि मैं अपने प्रति यह सम्मान देख कर कृतज्ञता का अनुभव कर रहा हूँ। उन्होंने अपनी कई रचनाओं का वाचन भी किया। अवसर पर आलोक त्यागी, डॉ. बेगराज यादव, पुनीत गोयल, गोविंद बौद्ध, सौरभ भारद्वाज, आचार्य सुरेन्द्र शर्मा, सुधीर राणा, आनंद विभोर, वसीम अहमद, फारेहा इरम, अक्षि त्यागी, तन्मय त्यागी, मंजू त्यागी, रवीन्द्र कुमार, हर्षवर्धन आदि उपस्थित रहे।