किस से करे गुहार !
●●● सच्चे पावन प्यार से, महके मन के खेत ! दगा झूठ अभिमान से, हो जाते सब रेत !! ●●● किस से बातें वो करे, किस से करे गुहार ! भटकी राहें भेड़ जो, त्यागे स्व परिवार !! ●●● मंत्र प्यार का फूँकते, दिल में रखते घात ! रिश्ते क्या बेकार है, करना उन से बात !! ●●● नेह-स्नेह सूखे सभी, पाले बैठे बैर ! अपने ताबूत ठोकते, देते कन्धा गैर !! ●●● क्या खोया; क्या पा लिया, जीते जी के ऐब ! ज्यों आये त्यों चल दिए, नहीं कफ़न में जेब !! ●●● बुझ पाए कैसे भला, ये नफरत की आग ! बस्ती-बस्ती गा रही,फूट-कलह के राग !! ●●● सील गए रिश्ते सभी, बिना प्यार की धूप !! धुंध बैर की छा रही, करती ओझल रूप !! ●●● ✍ डॉo सत्यवान सौरभ,