"माता रानी आई है"
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हो जाओ तैयार ,मनाओ उत्सव,
माँ अम्बे रानी आई है।
सजा लो पंडाल और दरबार
शेरावाली माँ आई हैं।।
जगत की पालनहार है माँ,
सारा जहाँ है जिसकी शरण में।
मुक्ति का धाम है माँ,
नमन है उस माता के चरण में।।
क्या पापी, क्या घमंडी,
माँ के दर पर सभी शीश झुकाते हैं।
मिलता है चैन तेरे दर पे मैया,
झोली भरके सभी जाते हैं।।
नव दुर्गा के दरस की खातिर,
कर रहे बड़े बड़े आयोजन।
भक्तो की भक्ति देखकर,
मां का भी उतावला हुआ मन।।
जिसका हमको था इंतजार,
आखिर वो घड़ी आई है।
होकर सिंह पर सवार,
माता रानी सबके घर आई है।।
तू ही बता दे, किन शब्दों में,
तुझको आज मनाऊं मेरी मां।
अश्रुधार भरी आंखों से,
किस विधि दर्शन पाऊं तेरी मां।।
माता तेरे दर्शन से हर्षित हुई मैं,
पुलकित हुआ पूरा संसार है।
जागरण और गरबे की मस्ती,
सभी जगह खुशियों का भंडार है।
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राखी पटेल "गुड़िया"
शिक्षक कॉलोनी
रायपुर छत्तीसगढ़
राखी पटेल "गुड़िया"
शिक्षक कॉलोनी
रायपुर छत्तीसगढ़