हमारी शान है हिमगिरि, हमारी मां तो गंगा है

हमारी शान है हिमगिरि, हमारी मां तो गंगा है।

मेरी भाषा अमर हिन्दी, हमारा ध्वज तिरंगा है।

यहां रमजान में राम, अली दीवाली में बसते हैं।

मगर मजहब की नफरत का हर रोज दंगा है।


चाहे कर लो पूजा विधिवत् या सजदे में सिर झुका अजान।

धम्मघोष के कलरव में भी निहित है भारत का जयगान।

जाति-धर्म के रंग-रंग से मिलकर के है बना इंसान।

भारत-संहिता सम्मुख बौने हैं, गीता-बाइबिल और क़ुरान।

जिस धरती पर मूर्ति रखी, जिसपर मस्जिद की दीवार।

वो भारत की अनुपम वसुधा, जिसपर निर्मित बौद्ध विहार।