पंकज उदास ने उस गाने के बारे में भी बताया जिसकी रिकॉर्डिंग के बाद वहां मौजूद सभी लोगों की आंखों में आंसू आ गए थे. ये था साल 1986 में आई फिल्म नाम में उनके द्वारा गाया हुआ गाना चिट्ठी आई है.
गजल गायकी की दुनिया के बेताज बादशाह पंकज उधास ने रविवार को साहित्य आज तक कार्यक्रम में शिरकत की. कार्यक्रम में मॉड्रेटर नेहा बाथम से बातचीत के दौरान पंकज ने अपनी जिंदगी के तमाम यादगार किस्से बयां किए. इसी बीच उन्होंने अपने उस गाने के बारे में भी बताया जिसकी रिकॉर्डिंग के बाद वहां मौजूद सभी लोगों की आंखों में आंसू आ गए थे. ये था साल 1986 में आई फिल्म 'नाम' में उनके द्वारा गाया हुआ गाना 'चिट्ठी आई है'.
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पंकज उदास ने बताया, "ये गाना महबूब स्टूडियो में शाम के वक्त रिकॉर्ड किया गया था. इस गाने को लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने कंपोज किया था और इसे लिखा था आनंद बख्शी ने." उन्होंने बताया, "आम तौर पर गाने की रिकॉर्डिंग के वक्त आर्टिस्ट्स के परिवार के लोग वहां मौजूद नहीं थे लेकिन जिस दिन ये गाना रिकॉर्ड किया गया था उस दिन इत्तेफाक से चीजें थोड़ी अलग थीं."
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पंकज ने बताया, "जब ये गाना रिकॉर्ड किया जा रहा था तो उस दिन इत्तेफाक से लक्ष्मीकांत जी की पत्नी और मेरे दोनों बड़े भाई. फिल्म के लेखक सलीम खान साहब, ये सभी इस गाने की रिकॉर्डिंग के वक्त वहां पर मौजूद थे. जब गाना ओके हुआ तो मुझे बुलाया गया और कहा गया कि गाना सुनिए. सभी खड़े हुए थे मुझे सबकी शक्लें देख कर मुझे लगा था कि ये गाना लोगों को पसंद नहीं आया है."
असल में रो पड़े थे सभी लोग-
उन्होंने कहा, "जब गाना मेरे लिए प्ले किया गया तो मुझे अहसास हुआ कि सबकी आंखें भरी हुई थीं. तब मुझे इस बात का अहसास हुआ कि इस गाने में कुछ तो ऐसी बात है. इस गाने के अल्फास, कंपोजीशन और बाकी चीजें कुछ तो ऐसी हैं." पंकज उदास ने बताया कि इस गाने की वजह से मैंने वो चीजें भी अपने जीवन में महसूस की हैं जो कि मैंने कभी सोचा थी नहीं था कि इन्हें मैं महसूस कर पाऊंगा