एक जिला एक उत्पाद के अन्तर्गत काला नमक चावल पर एक दिवसीय कार्यशाला प्रमुख सचिव सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन नवनीत सहगल की अध्यक्षता तथा जिलाधिकारी दीपक मीणा की उपस्थिति में कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई।इस दौरान नवनीत सहगल ने बताया की काला नमक चावल अपनी एक अलग पहचान और खुशबू के लिए जाना जाता है। उन्होंने बताया की भगवान बुद्ध ने प्रसाद के रूप में कालानमक चावल दिया था।प्रमुख सचिव ने बताया की कालानमक धान की पैदावार कम होने का मुख्य कारण किसानों में जानकारी का अभाव है। अच्छी क्वालिटी के बीज उपलब्ध न होना तथा सिंचाई की मुख्य समस्या है। काला नमक धान से चावल बनाने के लिए राइस मिल न होना आदि है।इन सभी समस्याओं के उपाय हेतु सरकार द्धारा प्रयास किया जा रहा है। प्रमुख सचिव ने किसानों को बताया की आप लोग अच्छी गुणवत्ता का धान पैदाकर लाभ प्राप्त करें। उन्होंने बताया की काला नमक चावल को बासमती चावल के पैटर्न पर विकसित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार द्धारा कालानमक धान की पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को पूरा सहयोग दिया जा रहा है।इंडियागेट बासमती राइस के अध्यक्ष अनिल कुमार मित्तल ने बताया की एक किग्रा. चावलपैदा करने के लिए 3500 से4000 ली. पानी की आवश्यकता होती है। फसल पर रसायनिक उर्वरकों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए, रासायनिक उर्वरकों से भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्धारा जानकारी व सुझाव दिया गया।उसके उपरांत.
.सब मिशन आन एग्रीकल्चर एक्शटेंशन(आत्मा) योजनान्तर्गत ग्राम-परसा विकास खण्ड-बर्डपुर के कालानमक धान केएन102 के रोपाई किये गये खेत का प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन उ0प्र0 शासन नवनीत सहगल द्वारा देखा गया।इस दौरान जिलाधिकारी दीपक मीणा तथा डा0 वी0पी0सिंह, अनिल कुमार मित्तल भी उपस्थित थे।
उक्त के दौरान किसान रामबरन चौधरी से प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन उ0प्र0 शासन नवनीत सहगल ने कालानमक धान की पैदावार के बारे में जानकारी प्राप्त की गयी। किसान रामबरन चौधरी ने बताया कि इस फसल में सिर्फ जैविक खाद का प्रयोग किया गया है। इसके पश्चात युसुफपुर गोदाम का प्रमुख सचिव, तथा जिलाधिकारी दीपक मीणा द्वारा निरीक्षण किया गया। गोदाम में भण्डारण की क्षमता तथा रख-रखाव के बारे में जानकारी प्राप्त की गयी।
निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी नौगढ़ देवेश कुमार गुप्ता, उपकृषि निदेशक लालबहादुर यादव, चन्द्र प्रकाश सिंह तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थें।